Tuesday 16 February 2016

Kalpana chavla life story


भारतीय कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के कर्नल में हुआ था। आपका जन्म 17 मार्च 1962 में हुआ था।कल्पना का संस्कृत में मतलब है कल्पना करना इमेजिनेशन उड़ान में उसकी रुचि जेआरडी टाटा , जो एक अग्रणी भारतीय पायलट और उद्योगपति थे उनसे प्रेरित हो कर हुई थी.।कल्पना ने टैगोर पब्लिक स्कूल, करनाल से स्कूली शिक्षा ली और वह 1982 में चंडीगढ़, भारत, में पंजाब इंजीनियरिंग से आगे की पढाई की और 1984 में टेक्सास विश्वविध्यालय (Texas University) से एरोस्पेस इंजनियरिंग (Aerospace Engineering) में मास्टर ऑफ़ साइंस की डिग्री ली. 1988 में कल्पना ने नासा (NASA) के एम्स रिसर्च सेंटर (Ames Research Center) में काम करना शुरू किया. 1994१ में कल्पना चावला का नासा के द्वारा चयन किया गया और मार्च 1995 में अन्तरिक्ष यात्रियों के 15वें ग्रुप में कल्पना चावला का अन्तरिक्ष यात्री के रूप में चयन हुआ. जानसन स्पेस सेंटर (Johnson Space Center) में एक साल के प्रशिक्षण के बाद कल्पना चावला की अन्तरिक्ष यात्री के प्रतिनिधि के रूप में तकनीकी क्षेत्रों के नियुक्ति की गयी. यहाँ पर उनके दो प्रमुख काम थे रोबोटिक उपकरणों (Robotic Equipments) का विकास और स्पेस शटल (Space Shuttle) को नियंत्रित करने वाले साफ्टवेयर की शटल एवियोनिक्स प्रयोगशाला (Shuttle Avionics Integration Laboratory) में टेस्टिंग करना.कल्पना चावाला की प्रथम उड़ान एस टी एस 87 कोलम्बिया (STS 87 Columbia) शटल से सम्पन्न हुई. इसकी अवधि 19 नवम्बर 1997 से 5 दिसम्बर 1997 थी. इसमें उन परीक्षणों पर जोर दिया गया कि अन्तरिक्ष में भारहीनता किस तरह से भौतिक क्रियाओं को प्रभावित करती है. कल्पना की दूसरी और आखिरी उड़ान 16 जनवरी 2003 को स्पेस शटल कोलम्बिया से शुरू हुई. यह 16 दिन का अन्तरिक्ष मिशन था, जो पूरी तरह से विज्ञान और अनुसन्धान पर आधारित था. इस मिशन में अन्तरिक्ष यात्रियों ने 2 दिन काम किया था और 80 परिक्षण और प्रयोग सम्पन्न किये थे. लेकिन 01 फरवरी 2003 को कोल्म्बियाँ स्पेस शटल लेंडिंग से पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया और कल्पना के साथ बाकी सभी 6 अन्तरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गयी ।कल्पना चावाला के साक्षात्कार के कुछ अंश उनकी दूसरी उड़ान से पहले... प्रश्न ...क्या आप बतायेंगी कि आपको अन्तरिक्ष के विषय में कैसे रूचि हुई और इतनी की इसने आपको नासा की और मोड़ दिया आप यहाँ कैसे आयीं ? यहाँ विज्ञाना की कौन सी चीज ने आपको आकर्षित किया ..? क्या आपको इस से सहायता मिली ? कल्पना ...जब में भारत के हाई स्कूल में पढ़ रही थी तो मैं सोचा करती थी की मैं बहुत भाग्यशाली हूँ जो करनाल जैसे शहर में जन्मी ..जहाँ पर उस समय भी फ्लाइंग क्लब थे ..मैंने छोटे छोटे पुष्पक विमान उड़ते हुए देखती थी .मैं और मेरा भाई कभी कभी साइकल चालते हुए इन उड़ते हुए विमानों को देखा करते ..साथ साथ मैं अपने पिता जी से पूछती रहती कि क्या मैं इन वायुयानों में बैठ कर उड़ सकती हूँ ? हमारे पिता जी हमें फ्लाइंग क्लब ले जाया करते और पुष्पक विमानों में बैठा कर सैर कराया करते थे ..मैंने समझती हूँ वहीँ से मुझे एरोस्पेस इंजनियरिंग के प्रति रूचि हुई ..उम्र के साथ मैंने भारत के जे आर डी टाटा का नाम सुना ..जिन्होंने भारत में मेल भेजने के लिए वायुयानों का प्रयोग किया तभी इन्ही सब बातो के कारण जब मैं पढ़ रही थी कोई मुझसे पूछता कि तुम बड़ी हो कर क्या बनोगी तो मैं कहती एरोस्पेस इंजीनियर .....मैं भाग्यशाली थी कि मुझे पंजाब कालेज में एरोस्पेस इंजिनयरिंग में जगह मिल गयी यही मेरा सबसे प्रिय विषय था ... प्रश्न ..क्या आप बता सकती है कि किन किन लोगों ने आपके जीवन को प्रभावित किया या अब भी आपके लिए प्रेरणा के स्रोत हैं ..? कल्पना ...मुझे जीवन में अनेक लोगों से प्रेरण मिली सबसे अधिक अपने अध्यापकों और किताबों से... कल्पना चावला की दूसरी अन्तरिक्ष यात्रा के बारे में अनोखी बाते। (1) प्रथम भारतीय अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री जन्म यहाँ भारत में हुआ बाद मे आपने अमेरिका कइ नागरिकता ले ली। (2) 1994 में कल्पना का अन्तरिक्ष यात्री के रूप में चयन हुआ था। (3) अन्तरिक्ष में जाने वाली दूसरी भारतीय महिला ..पहले यात्री राकेश शर्मा थे (4) फ्रांसीसी जान पियर से शादी जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे। (5) स्पेस शटल की यह 13वीं उड़ान थी (6) सन २००३ में सम्पन स्पेस शटल की ५वी उड़ान थी।