Friday 1 April 2016

mendleev life story


मेंडलीफ का जन्म साइबीरिया के टोबोल्स्क में हुआ था। मैंडलीफ के पिता का नाम इवान पोल्वोविच मेंडलीफ था। मैंडलीफ के पिता का नाम इवान पोल्वोविच मेंडलीफ था।तथा उनकी  माता का नाम मारिया दमित्रीयेवना मेंडलीफ था। उनके दादा पावेल मैक्सीमोविच रूस के एक चर्च में पादरी थे।
उनकी प्रारम्भिक शिक्षा उनके निवास स्थान के पास में ही हुई में हुई। जब आप 13 साल कके थे तब आपके पिता की म्रत्यु हो गई।तथा आपके पिता की फैक्ट्री में आग लग गई।जिस कारन आपके परिवार का काफी नुकसान हो गया। संपत्ति नष्ट होने के कारण आपके परिवार को 1849 में सेंट पीटर्सबर्ग में जाकर रहना पड़ा,जिसके कारण मेंडलीफ को वहीं के मेन पेडागोगियल इंस्टीट्यूट में प्रवेश लेना पड़ा सन1857 ई० में मेंडेलीफ़ ने पीटर्सबर्ग से स्नातक परीक्षा उतीर्ण की अच्छे अंक प्राप्त करने के परिणामस्वरूप आपको स्वर्णपदक मिला। स्नातक के बाद आपको टीबी हो गया, टी बी के कारण आप क्रिमन प्रायद्वीप पर रहने आ गए। और यहाँ पर आपने इलाज करवाया।आप जब 1857 में स्वस्थ हो गए तब सेंट पीटर्सबर्ग लौट आये। दो वर्ष बाद आपने सिमफरोपोल और फिर ओडेसा के जिमनाज़ियमों मैं शिक्षक के रूप में कार्य किया। सन 1851 ई० में आपने मास्टर ऑफ साइंस की उपाधि प्राप्त की। आपने 'विशिष्ट आयतन' विषय पर  निबंध लिखा। तत्पश्चात मैंडलीफ 2 वर्ष के लिये वैज्ञानिक कमिशन के साथ विदेश यात्रा के लिये गए।सन 1860  ई० में आपने एर्ल्सरूका में होने वाले 'विश्व रसायन सम्मेलन' में भाग लिया। यात्रा से वापस आने पर आपने पीटर्सबर्ग टेकनोलौजिकल इंस्ट्टियूट में प्रोफेसर के पद पर कार्य किया।उसके  दो वर्ष बाद आप पीटर्सबर्ग विश्वविद्यालय में रसायन के प्रोफेसर  हुए। यहाँ पर आपने सर्वाधिक वैज्ञानिक तथा शिक्षक के रूप में कार्य किया। सन 1893 ई० में मेंडेलीफ़ को 'ब्यूरों ऑफ वेट्स ऐंड मेज्हर्स' (तौल माप संस्थान) के निदेशक पद पर नियुक्त किया गया। इस समय आपने वैज्ञानिक और साहित्यिक कार्य दोनों किये

मेंडेलीफ़ के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य तत्वों के आवर्त सारणी से संबंधीत है। मैंडलीफ ने तत्वों की जो आवर्त सारणी प्रस्तुत की, उसमें आधुनिक आवर्त के कारण काफी सुधार हो गए हैं, मैंडलीफ की सारणी उपयोगी है। मेंडेंलीफ़ ने अपने आवर्त में नए तत्वों के बारे में बताया। जो उस समय प्रचलन में नही थे।

 मेंडलीफ़ ने सन 1904 में  'रसायन सिद्धांत' नाम की एक पुस्तक लिखी।आपने भूगर्भ विज्ञान, भूभौतिकी आदि का अध्ययन किया।  सन 1859 से 1861 में आपने तरल के केशिकत्व और स्पक्ट्रोस्कोप की कार्यपद्धति पर कार्य किया। 1861 में आपकी किताब स्पक्ट्रोस्कोप काफी प्रसिद्ध हुई।मैंडलीफ की म्रत्यु 02 फरवरी 1907 को हुई थी।